गरीब दास जी महाराज के बोध दिवस पर संत रामपाल जी महाराज ने पूरे विश्व को दिया भंडारा*

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 न्यूज झालावाड़

मार्च 2022

*गरीब दास जी महाराज के बोध दिवस पर संत रामपाल जी महाराज ने पूरे विश्व को दिया भंडारा*


हेमदास झालावाड़ राजस्थान

आदरणीय गरीबदास साहेब जी छुड़ानी जिला - झज्जर , हरियाणा वाले अमृत वाणी में प्रमाण ) प्रभु कबीर ( कविर्देव ) के साक्षी आदरणीय गरीबदास साहेब जी का आर्विभाव सन् 1717 में हुआ तथा साहेब कबीर जी के दर्शन दस वर्ष की आयु में सन् 1727 में नला नामक खेत में हुए तथा सतलोक वास सन् 1778 में हुआ । आदरणीय गरीबदास साहेब जी को भी परमात्मा कबीर साहेब जी सशरीर जिंदा रूप में मिले । आदरणीय गरीबदास साहेब जी अपने नला नामक खेतों में अन्य साथी ग्वालों के साथ गाय चरा रहे थे । जो खेत कबलाना गाँव की सीमा से सटा है । ग्वालों ने जिन्दा महात्मा के रूप में प्रकट कबीर परमेश्वर से आग्रह किया कि आप खाना नहीं खाते हो तो दूध ग्रहण करो क्योंकि परमात्मा ने कहा था कि मैं अपने सतलोक गाँव से खाना खाकर आया हूँ । तब परमेश्वर कबीर जी ने कहा कि मैं कुँआरी गाय का दूध पीता हूँ । बालक गरीबदास जी ने एक कुँआरी गाय को परमेश्वर कबीर जी के पास लाकर कहा कि बाबा जी यह बिना ब्याई ( कुँआरी ) गाय कैसे दूध दे सकती है ? तब कविर्देव ( कबीर परमेश्वर ) ने कुँआरी गाय अर्थात् बच्छिया की कमर पर हाथ रखा अपने आप कुँआरी गाय ( अध्नया धेनु ) के थनों से दूध निकलने लगा । पात्र भरने पर रूक गया । वह दूध परमेश्वर कबीर जी ने पीया तथा प्रसाद रूप में कुछ अपने बच्चे गरीबदास जी को पिलाया तथा सतलोक के दर्शन कराये । सतलोक में अपने दो रूप दिखाकर फिर जिंदा वाले रूप में कुल मालिक रूप में सिंहासन पर विराजमान हो गए तथा कहा कि मैं ही 120 वर्ष तक काशी में धाणक ( जुलाहा ) रूप में रहकर आया हूँ । मैं पहले भी हजरत मुहम्मद जी को भी मिला था । पवित्र कुरान शरीफ में जो कबीरा , कबीरन् , खबीरा , खबीरन् , अल्लाहु अक्बर आदि शब्द हैं वे मेरा ही बोध कराते हैं तथा में ही श्री नानक जी को बेई नदी पर जिंदा महात्मा के रूप में ही मिला था { मुस्लमानों में जिंदा महात्मा होते हैं , वे काला चौगा ( ओवर कोट जैसा ) घुटनों से नीचे तक तथा सिर पर चोटे वाला काला टोप पहनते हैं तथा में ही बलख शहर में नरेश श्री अब्राहीम सुलतान अधम जी तथा श्री दादू जी को मिला था हेमदास झालावाड़ मनोह


रथाना

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