हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुआ दहेज मुक्त विवाह बना चर्चा का विषय

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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुआ दहेज मुक्त विवाह बना चर्चा का विषय*
हेमदास झालावाड़ राजस्थान मुनीन्द्र धर्मार्थ ट्रस्ट कुरुक्षेत्र के सौजन्य से दिनांक 3 अप्रैल 2022 को शिमला के पुराने बस स्टैंड के समीप बिन्दु राज धर्मशाला, जिला शिमला हिमाचल प्रदेश में *सतगुरु रामपाल जी महाराज* के सानिध्य में बिना बैंड-बाजा-बारात और सादगी पूर्ण तरीके से *दहेज मुक्तविवाह (रमैणी) गुरुवाणी* के तहत 33 कोटी देवताओ को आधार मान कर *मात्र 17̐ मिनट* में सम्पन्न हुई। यह आडंबर और *दहेज मुक्त विवाह* मानव समाज के लिए मिसाल है। जिसमें किसी प्रकार की *फिजुलखर्ची* नहीं हुई है। *हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला* में पहली बार *सतगुरु रामपाल जी महाराज के शिष्य भक्त सुरेश दास व भक्तमति कुसुम दासी* का दहेज मुक्त विवाह (रमैणी) हुई। इस शादी की विशेषता यह रही कि यह साधारण और सादगीयुक्त हुई। सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों जिला सयोंजक सुनीता दासी, अदित दास, अविनाश दास, विनय दास, विकास दास, विक्रम दास, निशा दासी, ज्योति दासी प्रीति दासी, शिवानी दासी ने बताया कि हमारे *सतगुरु रामपाल जी महाराज का है सपना, दहेज़ मुक्त हो भारत अपना* । बेटा-बेटी में फर्क न समझें तथा बेटियों को बोझ न जाने। और यही भी बताया कि दहेज प्रथा और अन्य कुरीतियां ही समाज के नाश का कारण हैं। *संत रामपाल जी महाराज* के अनुयायी संत जी के उद्देश्यों को आधार मानकर इन बुराईओं को विश्व स्तर पर समाप्त कर रहे हैं। उन्होंने संत रामपाल जी महाराज के मूल उद्देश्य बताए; 1. विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना 2. समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना 3. युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना 4. समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना 5. समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना 6. समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना 7. सामाजिक बुराईओं को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना 8. भ्रष्टाचार को खत्म करना और बताया कि हमें इन उद्देश्यों को सफल बनाने में आखिरी स्वांस तक सहयोग करना है।

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