आरक्षण के मूल-ढांचे में छेड़छाड़ तथा आरक्षित वर्ग के अधिकारों के हनन के विरोध में दिया ज्ञापन

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*आरक्षण के मूल-ढांचे में छेड़छाड़ तथा आरक्षित वर्ग के अधिकारों के हनन के विरोध में दिया ज्ञापन* अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग द्वारा बारां जिले में आरक्षण से छेड़छाड़ पश्चात आई आरक्षण-विसंगति के खिलाफ रविवार को एसटी,एससी,ओबीसी समाज के लोगों ने बृजराज बोरखेड़ी के नेतृत्व में उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। बृजराज बोरखेड़ी ने बताया कि कार्मिक विभाग क-2 राजस्थान सरकार के आदेश क्रमांक एफ 13(20 कार्मिक 5क-2/91 दिनांक 26.3.1999 एवं सम संख्यक आदेश दिनांक 11.3.1999 के द्वारा बाराँ जिले की किशनगंज शाहबाद तहसीलों में विभिन्न विभागों में वेतन श्रृंखला 1से 9 तक की सीधी भर्तियोँ में सहरिया जनजाति को 25 प्रतिशत आरक्षण दिया गया सहरिया जनजाति को आरक्षण क्रमशः अनुसुचित जनजाती से 6 प्रतिशत अनुसुचित जाति से 8 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग 11 प्रतिशत काटकर दिया गया जो संवैधानिक नियमों का उल्लंघन है। कार्मिक विभाग (क-2) राजस्थान सरकार के आदेश एफ 13(20) कार्मिक/क-2/91 पार्ट जयपुर दिनांक 21.5.2013 तथा सम संख्यक निर्देश दिनाँक12.9.2007 के द्वारा सहरिया जनजाति के लिये 25 प्रतिशत आरक्षण की उपरोक्त व्यवस्था सम्पूर्ण बाराँ जिले पर लागू कर दी गई है जिससे सीधे तौर पर अनुसूचित जनजाति, अनुसुचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण सम्बन्धी संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ। उपरोक्त आरक्षण व्यवस्था जनसंख्या आनुपातिक व्यवस्था के अनुरूप नहीं है । ज्ञापन में आरक्षण व्यवस्था को पुनः बहाल करने की मांग की गई। इस अवसर पर भैयालाल मीणा, धनराज कवाड़िया,रामप्रसाद मीणा, सोदानसिंह, विष्णुशंकर नागर, ओमप्रकाश,राकेश , श्यामलाल, द्वारकीलाल मीणा, भैरूलाल बैरवा,देवकरण,हरिसिंह,बिट्ठल बाबू,सुरेंद्रकुमार,भगवानसिंह,धर्मराज,प्रहलाद मीणा, सुरेश कुमार बैरवा,गोकुल प्रसाद,मुकुट बिहारी अहीर, अशोक कुमार अहीर,गिरिराज कुमार,लाखन लाल,मुरारीलाल,विनोद कुमार,प्रहलाद कुमार,सीताराम,कुशराज नागर आदि मौजूद रहे।

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