प्राचार्य डॉ करुणा जोशी की अध्यक्षता में राजकीय महाविद्यालय छबडा में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त,कुशल नृत्यांगना श्रीमती मोमिता चटर्जी के भरतनाट्यम की भव्य,आकर्षक , भाव एवं लावण्यमयी प्रस्तुति आयोजित की गई

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रवि किरण के आगमन का हो शुभम्, सिमट जायें,मिट जायें कलुषित से तम् ,गुनगुनी सी धूप में विहँसा करे जीवन सा धन,अब सहेजें हम सुखद, स्वर्णिम से आज़ादी के क्षण।’-पंक्तियों के साथ अमृत महोत्सव ‘75 वर्ष स्वराज के’ की सतत् प्रवहमान यात्रा के उपलक्ष्य में ‘स्पिक मैके’ भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य की संरक्षक और उन्नायक संस्था के तहत् प्राचार्य डॉ करुणा जोशी की अध्यक्षता में राजकीय महाविद्यालय छबडा में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त,कुशल नृत्यांगना श्रीमती मोमिता चटर्जी के भरतनाट्यम की भव्य,आकर्षक , भाव एवं लावण्यमयी प्रस्तुति आयोजित की गई।छबडा में प्रथम बार आयोजित इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कॉंग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष श्री रेवती रमण गेरा,एन.एस.यू.आई बाराँ के ज़िलाध्यक्ष श्री हिमांशु धाकड,यूथ कॉंग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष तथा राजकीय महाविद्यालय छबडा के पूर्व अध्यक्ष श्री रवि लोधा तथा कांकरौली से आमंत्रित सेवानिवृत्त प्राचार्य श्रीमती दीपिका पालीवाल रहे। माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।डॉ गीता सक्सेना ने अतिथि कलाकार श्रीमती मोमिता चटर्जी का परिचय देते हुए कहा कि गुरूवर श्री रवींद्र नाथ टैगोर ,श्री बंकिमचन्द्र चन्द्र चटर्जी , स्वामी विवेकानंद की जन्मभूमि कोलकाता में जन्मी नृत्यांगना ने पूज्य गुरू डॉ श्रीमती थंकामणि कुट्टी के सानिध्य में नृत्य की सूक्ष्मताओं को सीखा और आत्मसात् किया।आपने न केवल भारतीय भू भागों में अपितु विश्व के अनेक राष्ट्रों में अपनी प्रस्तुति से भारतीय नृत्य भरतनाट्यम को अद्भुतता दी है। सन् 2018 से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में आप भारतीय शास्त्रीय नृत्य का विद्यालय संचालित कर रही है।भारतीय दूरदर्शन द्वारा नृत्य का सर्वश्रेष्ठ प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाली आप शास्त्रीय नृत्य की सशक्त हस्ताक्षर हैं।कलाकारों की खोज,संचयन,मार्गदर्शन एवं संरक्षण के उद्देश्य के साथ आप मार्गम्,प्रारम्भ एवं बंधन नाम की नृत्य कीं संस्थाएँ संचालित कर रही हैं।स्वागतीय उद्बोधन में कार्यक्रम की अध्यक्ष प्राचार्य डॉ करुणा जोशी ने भरतनाट्यम नृत्य की बारीकियों को बताते हुए कहा कि भाव,राग एवं ताल का समन्वित रूप ही भरतनाट्यम है।भरतमुनि के नाट्यशास्त्र पर आधारित यह दक्षिण भारत में विकसित वह नाट्य शैली है जिसकी हर भंगिमा से ब्रह्म की अनुभूति होती है।आदर्श विद्या मंदिर की अतिथि छात्राओं ने अमृतमहोत्सव पर अत्यंत मनोहारी देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया।प्रियंका सेन,मेघा भार्गव ने स्वागत गीत,बुलबुल सेन ने सरस्वती वंदना तथा प्रियांक्षी उपाध्याय ने एकल नृत्य प्रस्तुत किया।छात्रसंघ अध्यक्ष नीलेश नागर, राजकुमार,दीपक गुर्जर,रघुवीर वर्मा विशिष्ट अतिथियों को साफ़ा पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया।डॉ सीमा राणावत ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि महाविद्यालय में ऐसे ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी रहनी चाहिए। डॉ सुरेश चन्द वैष्णव, डॉ अतुल श्रीवास्तव,श्री बलराज प्रजापति एवं डॉ सुनीता नागर ने कार्यक्रम के सुचारू संचालन में सहयोग दिया और कार्यक्रम की सराहना की ।इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त स्टाफ़ सदस्यों ,विद्यार्थियों के साथ अन्य महाविद्यालयों एवं विद्यालयों के विद्यार्थियों ने उपस्थित होकर लाभ प्राप्त किया।

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