*पानी पृथ्वी का खून है इसे यूं ही ना बहाएं युवा :रामपाल नकीपुर* होली का पावन पर्व समाज के लिए प्रेम भाव है रंगों का त्योहार है होली पर्व पर फाग खेलने के लिए युवाओं व लोगों द्वारा पानी का उपयोग किया जाता है जोकि भावी पीढ़ियों के लिए शुभ संकेत नहीं है इस त्यौहार को लेकर ग्रामीण भारी मात्रा में पानी बर्बाद करते हैं पानी अनमोल है इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाकर उनका भविष्य सुरक्षित रखना भी आम आदमी का कर्तव्य है इसलिए होली पर्व पानी की बजाएं प्राकृतिक रंगों से तिलक की होली खेलनी चाहिए। *सामाजिक कार्यकर्ता रामपाल नकीपुर* का कहना है होली रंगों का त्योहार है जो हर व्यक्ति के जीवन में नए रंग बिखेरती है समाज से आपसी भाईचारा भी समाप्त होता जा रहा है इसे जोड़े रखने का संदेश पावन पर्व हमें देते हैं। होली का त्यौहार जितनी सादगी से मनाएं उतना लोग इस दिन काफी हुरदंग मचाते हैं इससे हर व्यक्ति को बचना चाहिए इसीलिए पानी की बजाए तिलक की होली खेली जाए वही लोग इस त्यौहार से प्रेरणा लेकर पानी बचाने की मुहिम छेड़ देंगे और इस दिशा में उचित प्रयास करेंगे पानी बचाने के लिए जागरूक नहीं किया गया तो भविष्य में इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।बताया जाता है की रामपाल नकीपुर हर साल की तरह इस बार भी लोगो को जल बचाओ जीवन बचाओ अभियान को लगातार होली मिलन समारोह पर जागरूकता कैंप लगाकर लोगो को जागरूक कर रहा हैं। *
