मन नेकी कर ले दो दिन का मेहमान -संत रामपाल जी महाराज*

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मन नेकी कर ले दो दिन का मेहमान -संत रामपाल जी महाराज*

हेमदास बारां झालावाड़ आवाज पत्रिका

 रविवार को अनुपगढ के गांव 9A में एक दिवसीय संत रामपाल जी महाराज के सत्संग का आयोजन हुआ जिसमें क्षेत्र के श्रद्धालु सत्संग में शामिल हुए सत्संग में संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि हम क्यों जन्म लेते हैं? और क्यों मरते हैं? क्या हमारा जन्म मरण का चक्कर समाप्त हो सकता है? संत रामपाल जी महाराज ने कहा कि कबीर भगवान की भक्ति पूर्ण सतगुरु से अगर हमें प्राप्त हो तो हमारा जन्म मरण का चक्कर समाप्त हो सकता है गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में श्री कृष्ण भगवान द्वारा बताया गया है कि अर्जुन तुम उस परमात्मा की शरण में जा जिसकी शरण में जाने के बाद तुम्हें परम शांति परमसुख परमधाम प्राप्त हो सकता है जिसकी जानकारी किसी तत्वदर्शी संत द्वारा बताई जाएगी इसका प्रमाण गीता अध्याय 4 श्लोक 34 मैं है इस विशाल सत्संग में पवित्र धर्म के पवित्र सत ग्रंथ साहिब चार वेद 18 पुराण से शास्त्रों के आधार पर अनुयायियों को शास्त्र भक्ति मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी स्थानीय सेवादार सुभाष दास व राजू दास ने बताया कि संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जिसमें नशा,मांस शराब जुआ,रिश्वत खोरी व दहेज, जैसी बुराइयों से दूर रहते हुए प्रभु चिंतन करना है इस अवसर पर संत रामपाल जी महाराज के सत्संग से प्रभावित होकर कई श्रद्धालुओं ने नाम दीक्षा ली और मर्यादा में रहकर भक्ति करने का संकल्प लिया ईस प्रोग्राम में किरपाराम वर्मा ,देवीलाल सोखल,ओमप्रकाश घोड़ेला व फुसादास सभी भक्तो ने अपनी सेवाएं देखी

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