खेल विद्यार्थी जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी: सिंघवी
March 29, 2022
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छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र—छात्राओं के भविष्य और बेहतर करियर के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाने की सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा कि आजकल देश और प्रदेश में खेलों का महत्व पहले की अपेक्षा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। अब स्कूल, कॉलेज, राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के खेलों में सिर्फ लड़के ही नहीं बल्कि लड़कियां भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। कोई व्यक्ति अचानक ही खेल खेलना शुरू नहीं करता है बल्कि वह अपने विद्यार्थी जीवन से प्रेरित होकर और निरंतर अभ्यास से ही एक दिन खेल में कुछ बड़ा करता है। शरीर के सही विकास और फिजिकल फिटनेस के लिए विद्यार्थियों के जीवन में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विद्यार्थी जीवन में खेल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। जो बच्चे अपने स्कूल के समय से विभिन्न तरह के खेल खेलते हैं तभी उन्हें पता चलता है कि कोई खेल कैसै खेला जाता है। सिंघवी ने कहा कि खेल गतिविधियों को स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों के अच्छे शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और भविष्य के लिए अनिवार्य करना चाहिए। स्कूलों में शिक्षा पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है लेकिन खेलों पर नहीं। कुछ स्कूल तो ऐसे हैं जहां खेल सीमित ही होते हैं। ऐसे में अभिभावक की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि उन्हें अपने स्तर पर ही बच्चों को खेल से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। ऐसे में जरूरत है कि पढ़ाई के साथ—साथ खेलों को भी महत्व देना चाहिए। स्कूल और कॉलेजों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नियमित एक्टिविटी करानी चाहिए। सिंघवी ने कहा कि वर्तमान में इंटरनेट और कंप्यूटर के जमाने में ज्यादातर बच्चे मोबाइल और लैपटॉप पर गेम खेलने में अपना अमूल्य समय बर्बाद करते हैं। जब बच्चा घर से बाहर निकलकर या फिर स्कूल में खेलता है तो बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। साथ ही स्कूली बच्चों में मोटापा आजकल एक आम समस्या हो गयी है। ज्यादातर स्कूलों में ऐसे बहुत से बच्चे देखने को मिल जाते हैं जो मोटापे के कारण अपने सहपाठियों से अधिक उम्र के और असामान्य दिखायी देते हैं। इसलिए विद्यार्थियों को खेल खेलने से मोटापे का शिकार नहीं होते हैं। इसीलिए कहने में यह संकोच नहीं होगा कि खेल जीवन में अत्यंत जरूरी है। जीवन में शिक्षा के साथ—साथ खेल भी बहुत जरूरी है। शिक्षण संस्थाओं की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह छात्रों को खेलों का महत्व समझाए और खेल कूद की उचित व्यवस्था करें।