आदर्श विद्या मंदिर अटरू विद्यालय में मातृशक्ति संगोष्ठी में अभिभावक माताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया

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बारां:- विद्या भारती शिक्षा संस्थान बारां द्वारा संचालित आदर्श विद्या मंदिर अटरू में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव स्वराज-75 के उपलक्ष में मातृशक्ति संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रचार प्रमुख जितेंद्र सिंह ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मनोरमा सुमन राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गणेश मोहल्ला, मुख्य वक्ता राज कुमार उपखण्ड विस्तारक, अध्यक्षता अतुल परिक ने मां सरस्वती, ओमकार और मां भारती के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्जवलित व वन्दना कर किया। प्रधानाचार्य दीनदयाल नागर ने अतिथियों का परिचय व स्वागत किया। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता राजकुमार ने कहा कि समाज और राष्ट्र का निर्माण मां के पावन सानिध्य में ही होता है। मां ही बालक को अच्छे संस्कार देकर भारत का भविष्य निर्माण कर सकती हैं।अच्छे विद्यालय से अच्छे संस्कार प्राप्त होते हैं। विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में वो सभी विशेषताएं हैं जिसकी आज समाज को आवश्यकता है। बालक को मोबाइल से दूर रखें इसकी लत बालक का भविष्य बिगाड़ देती है। मुख्य अतिथि मनोरमा सुमन ने कहा कि सुचिता और पवित्रता ही नारी को सशक्त सम्मान देती है,प्रलय व सृजन की प्रक्रिया मां की गोद में ही तय होती हैं,बालक का मार्गदर्शन मां ही करती है, भारतीय संस्कृति में नारी का महत्व श्रेष्ठ व राष्ट्र वंदना के समकक्ष है। ममता की छांव में बालक के सुकोमल मन पर पड़ने वाले प्रभाव तथा मां की महिमा के बारे में प्रकाश डाला। कार्यक्रम को रोचक व सरस बनाते हुए कार्यक्रम संयोजक हरीश मिश्रा ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव स्वराज-75 व भारतीय संस्कृति से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में मातृशक्ति से रोचक प्रश्न किये जिसका उपस्थित मातृशक्ति ने उत्साहपूर्वक उत्तर दिये, प्रतियोगिता में मातृशक्ति को पुरस्कार देकर अतिथियों द्वारा मंच पर सम्मानित किया गया। व विद्यालय के भैया बहिनो द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये व सर्वश्रेष्ट भैया व आचार्यो को सम्मानित किया गया समिति सरक्षक मोहन लाल टेलर ने अतिथियों व उपस्थित मातृशक्ति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि माता-पिता द्वारा बालक को घर पर स्वाध्याय के लिए प्रेरित करना तथा सत्साहित्य पढ़ने के लिए उपलब्ध कराना चाहिए । रात्रि में सुलाते समय प्रेरक कहानियां सुनानी चाहिए, महापुरुषों की जीवनियां पढ़ने से संस्कार मिलते हैं। शांतिमंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर आचार्य लवकुश तिवारी पवन मेहर सरिता गुर्जर रानी मेघवाल गिरजा वैष्णव रेशमा नायक गुनगुन गोत्तम व 200 मातृशक्ति उपस्थित रहीं।

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