संपोषणीय विकास और गुणवत्तापूर्ण जीवन : महामारी पश्चात समाज की आवश्यकता"*
March 29, 2022
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बारां 29 मार्च | समाजशास्त्र विभाग,राजस्थान विश्वविघालय द्वारा यू.जी.सी.,सेप डी. आर. एस-||| के अंतर्गत "संपोषणीय विकास और गुणवत्तापूर्ण जीवन :महामारी पश्चात समाज की आवश्यकता"विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र बारां जिले के शाहाबाद निवासी कुश शर्मा ने बताया कि संगोष्ठी के प्रथम दिन मंगलवार 29 मार्च को उद्धघाटन सत्र में प्रो.रश्मि जैन विभागाध्यक्ष ,द्वारा स्वागत उध्बोधन दिया गया है।जिसमे उन्होंने समाजशास्त्र विभाग की गौरवशाली परम्परा का उल्लेख करते हुए बताया कि विभाग अपने हीरक जयंती वर्ष में यह राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित कर रहा है ।महामारी पश्चात समाज जीवन पद्धति के प्रतिमानों को पुनः समाज की आवश्यकता अनुरुप संरचित करने की आवश्यकता है।आयोजक प्रो.एस.एल.शर्मा द्वारा अपने उध्बोधन में बताया कि गुणवत्तापूर्ण जीवन पर विमर्श इस महामारी के बाद बाद अधिक आवश्यक हो गया,इस तरह के विमर्श से समाज को नई दिशा मिलेगी। मुख्य वक्ता प्रो.के .एल.शर्मा ,अध्यक्ष विकास अध्यक्ष संस्थान द्वारा अपने उध्बोधन में बताया कि संपोषणीय विकास का मतलब केवल आर्थिक विकास से नही है अपितु न्यायपूर्ण समाज की स्थापना से है लेकिन न्याय की स्थापना प्राकर्तिक व स्वतःहोनी चाहिए उसका आधार दवाब और भय नही हो सकता। विशिष्ट अतिथि प्रो.मनीष कुमार वर्मा ,सचिव ,भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद ने अपने उध्बोधन में बताया कि महामारी पश्चात चुनोतियाँ तो बड़ी उत्त्पन्न हुई है लेकिन सतत विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए हमे सामाजिक उत्थान का प्रयास करना चाहिए।उद्धघाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो राजीव जैन,कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा की गई। उद्धघाटन सत्र के बाद अनेक विषय जैसे -संपोषणीय जीवन और रोजगार कोविड 19 के संदर्भ में प्रवसन बाद उत्पन्न सामाजिक आर्थिक संकट, सामाजिक पारिस्थितिकी का समाजशास्त्रीय परिपेक्ष्य,हिमालय के ऊपरी हिस्सो की पारिस्थिकी में रहने वाले समुदायों के सामने आने वाली चुनोतियाँ आदि विषयों पर अनेक सत्र आयोजित किये गए।जिनमे प्रो इंद्रा रामाराव,प्रो.राजीव गुप्ता, प्रो. डी आर साहू ,प्रो.सुरेश बाबू जी. एस.,जे एन यू नई दिल्ली,प्रो. सुषमा सूद,प्रो.नैना शर्मा,प्रो. सुशीला जैन,डॉ अरुणा भार्गव आदि समाजशास्त्रीयो ने विभिन्न सत्रों में अपने उध्बोधन से लाभन्वित किया।