यूक्रेन में फंसे बारां जिले के पांच छात्र, एक वापस लौट आया परन्तु अभी भी फसे हुए है समरानिया के दो छात्र

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 यूक्रेन में फंसे बारां जिले के पांच छात्र, एक वापस लौट आया परन्तु अभी भी फसे हुए है समरानिया के दो छात्र 

 



बारां. जिले के पांच छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। जिला प्रशासन को यह अधिकृत जानकारी मिलने के बाद उनसे सम्पर्क का प्रयास शुरू कर दिए गए है। अन्ता निवासी एक छात्र वापस लौट आया है। जिला कलक्टर नरेन्द्र गुप्ता राज्य व केन्द्र सरकार के अधिकारियों से सम्पर्क बनाए हुए हैं।

बारां की नाकोड़ा कॉलोनी निवासी मेडिकल छात्र सुशील कुमार मेहता की तहसीलदार अब्दुल हफीज से लगातार बातचीत हो रही है तथा उससे वाट्अप चैटिंग भी हो रही है। सुशील ने बताया कि उसके बारां जिला निवासी अन्य चार साथी भी सकुशल हैं। बारां जिले के केलवाड़ा निवासी स्वर्ण भार्गव व दीपक राठौर तथा समरानियां के कपिल पंकज व नीरज मेहता भी अभी यूके्रन में हैं। तहसीलदार हफीज ने बताया कि सभी छात्रों के बारे में निरन्तर अपडेट लिया जा रहा है। यह छात्र यूके्रन के पड़ोसी देश पौलेंड की सीमा के नजदीक पहुंच गए हैं। जिला कलक्टर गुप्ता खुद हालात पर नजर रखने के साथ केन्द्र व राज्य के उच्चाधिकारियों से सम्पर्क बनाए हुए हैं। उन्होंने जिले के लोगों से अपील की है कि जिनके बच्चे यूक्रेन में हैं, वे तत्काल जिला प्रशासन को जानकारी उपलब्ध कराएं।

यूक्रेन से सकुशल घर पहुंचा अक्षय

अन्ता. युद्ध के हालात में यूक्रेन से सकुशल लौटे शिव कॉलोनी अन्ता निवासी छात्र अक्षय मीणा का जनप्रतिनिधियों ने घर जाकर स्वागत किया। पालिकाध्यक्ष मुस्तुफा खान, पार्षद रामराज बागड़ी, संतोष गालव एवं नरेन्द्र गोचर ने छात्र को फूलमाला पहना उसके हालचाल जाने। दूसरी ओर तहसीलदार ओमप्रकाश जैन ने भी अक्षय सहित उसके पिता हंसराज मीणा एवं अन्य परिजनों से मुलाकात कर इस सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी ली। उल्लेखीय है कि यह छात्र यूक्रेन के इवाना शहर में रहकर से डाक्टरी की पढ़ाई कर रहा है। जो युद्ध शुरू हो जाने के बाद बड़ी कठिनाई से रोमानिया के रास्ते सोमवार रात दिल्ली होते हुए अन्ता पहुंचा। अक्षय के घर पहुंचते ही माता पिता ने उसे गले लगा लिया।

अभी  भी फंसे हैं समरानियां के दो छात्र

समरानियां. यूक्रेन व रूस में हो रहे युद्ध की आंच बारां जिले के समरानियां कस्बे तक पहुंच गई है। समरानियां निवासी छात्र नीरज मेहता व कपिल पंकज मेडिकल की पढ़ाई के लिए के यूके्रन गए थे, इन दोनों के परिजन अब इनकी सकुशल वापसी का इंतजार कर रहे हैं। अब वहां भीषण युद्ध के चलते दोनों सुरक्षित ठिकानों पर पनाह लिए हुए हैं। अच्छी बात यह है कि इनका परिजनों से सम्पर्क बना हुआ है। नीरज मेहता के पिता ने बताया कि यूक्रन में भोजन, रहने व वाहन आदि की सुविधाओं के अभाव से वे खासे परेशान हैं। यह दोनों बड़ी मुश्किल से यूक्रेन से पास के देश रोमिया एवं पौलेंड पहुंच रहे हैं। कपिल के पिता राजेन्द्र पंकज ने बताया कि उनका बेटा यूक्रेन से कार के माध्यम से पौलेंड एवं रोमानिया देश की तरफ उसके साथियों के साथ निकल गया है। मंगलवार को शाहाबाद के एसडीएम राहुल मल्होत्रा ने भी यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिवारों से जानकारी ली तथा मदद का भरोसा दिया

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