महावीर मूंडली
मांगरोल:- सयुक्त किसान संघर्ष समिति जिला बारां के तत्वाधान में 10 दिवसीय किसान जन जागृति अभियान की शुरुआत हेतु मांगरोल ब्रह्माणी माता मन्दिर परिसर पर आयोजित बैठक के दौरान उपस्थित चार दर्जन गांवों के किसान
पदाधिकारियों ने राज्य व केंद्र सरकार पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा की ना राष्टीय कृत बैंको से किसानों की कर्ज़ माफी हुई ना फसलों का वाजिब दाम मिला ना फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित हुआ,ना फसल खरीद गारंटी कानून बना ना ही राज्य स्तर पर किसानों की फसलों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु पंचायत मुख्यालयों पर गोशाला ओ का निर्माण हुआ जबकि यह सब वादे 2018 के चुनावों के दौरान वर्तमान राज्य व केन्द्र में शाशित सरकार ने देश व प्रदेश में बड़ी बड़ी सभाएं आयोजित कर किसानो के बीच में किए गए थे मगर अफशोश सभी राजनीतिक दलों के चुनावी वादे महज सत्ता पाने की लालशा तक सीमित होते हैं, राजनीतिक दलों को केवल चुनावों के वक़्त ही याद आता है किसान बाकी हर समय छला जाता है , सत्ता पाने के लिए वोट किसान से लिया जाता है और विकास पूंजीपतियों का किया जाता है , चुनावी घोषणा पत्र में शामिल होने के बाद भी, किसानो के मुद्दे व मूलभूत समस्याओं के समाधान में विफल रहे , राजनीतिक दलों की कथनी करनी व दोगली नीति पर बैठक के दौरान उपस्थित किसानो में काफी आक्रोश नजर आया ,, किसानों ने आरोप लगाया की राज्य सरकार के साढ़े तीन साल होने के बाद भी किसानो से किए गए कर्ज माफी तथा गोशाला निर्माण सहित अन्य वादों में से एक भी धरातल पर नहीं उतरा है किसानों ने आरोप लगाया की , बारां जिले से स्थानीय विधायक राज्य सरकार में केबिनेट मंत्री होने के बाद भी अपने ही क्षेत्र के किसानों को अतिवृष्टि से नस्ट हुई खरीफ की उड़द मूंग सोयाबीन की फसलों का बीमा क्लेम व सरकार की तरफ से कोई आर्थिक सहायता 6 माह गुज़र जाने के बाद भी किसानों को नहीं दिलवा पाना राज्य सरकार की किसानों के प्रति उदासीनता को दर्शाता है बैठक की अध्यक्षता कर रहे सयुक्त किसान संघर्ष समिति के संयोजक रामचन्द्र मीणा ने कहा की वादा खिलाफी करने वाले राजनीतिक दलों व उनसे जुड़े नेताओं को आगामी समय में सत्ता से उखाड़ फेंकने का काम अब क्षेत्र का किसान करेगा,, जिसको लेकर समिति के बैनर तले अपने हक एवं अधिकारों से वंचित किसानो में चेतना व जागृति का संचार करने के हेतु 10 दिवसीय किसान जन जागृति अभियान की शुरुआत की गई है जिसके तहत अभियान के प्रथम चरण में किसानों की तरफ से चेतावनी स्वरूप अपनी मांगो को लेकर प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर केंद्र व राज्य सरकार के नाम मांग पत्र सोपे जाएंगे, इस दौरान विधान सभा स्तर पर 140 गांवो में ग्राम कमेटियों के गठन के साथ ही किसान जन जागृति अभियान के अपील पत्रो का किसानों में वितरण होगा समिति के विधान सभा प्रभारी शोभाग मुंडला, अध्यक्ष विक्रम जाट मीडिया प्रभारी महावीर मुंडली रामलखन झाडवा ने कहा की अगर समय रहते किसानों की वाजिब मांगो का समाधान नहीं होता है तो क्षेत्र का किसान बड़े आंदोलन की ओर अग्रसर होगा बैठक के दौरान , जगदीश मऊ, राजेन्द्र सुमन,
पदाधिकारियों ने राज्य व केंद्र सरकार पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा की ना राष्टीय कृत बैंको से किसानों की कर्ज़ माफी हुई ना फसलों का वाजिब दाम मिला ना फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित हुआ,ना फसल खरीद गारंटी कानून बना ना ही राज्य स्तर पर किसानों की फसलों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु पंचायत मुख्यालयों पर गोशाला ओ का निर्माण हुआ जबकि यह सब वादे 2018 के चुनावों के दौरान वर्तमान राज्य व केन्द्र में शाशित सरकार ने देश व प्रदेश में बड़ी बड़ी सभाएं आयोजित कर किसानो के बीच में किए गए थे मगर अफशोश सभी राजनीतिक दलों के चुनावी वादे महज सत्ता पाने की लालशा तक सीमित होते हैं, राजनीतिक दलों को केवल चुनावों के वक़्त ही याद आता है किसान बाकी हर समय छला जाता है , सत्ता पाने के लिए वोट किसान से लिया जाता है और विकास पूंजीपतियों का किया जाता है , चुनावी घोषणा पत्र में शामिल होने के बाद भी, किसानो के मुद्दे व मूलभूत समस्याओं के समाधान में विफल रहे , राजनीतिक दलों की कथनी करनी व दोगली नीति पर बैठक के दौरान उपस्थित किसानो में काफी आक्रोश नजर आया ,, किसानों ने आरोप लगाया की राज्य सरकार के साढ़े तीन साल होने के बाद भी किसानो से किए गए कर्ज माफी तथा गोशाला निर्माण सहित अन्य वादों में से एक भी धरातल पर नहीं उतरा है किसानों ने आरोप लगाया की , बारां जिले से स्थानीय विधायक राज्य सरकार में केबिनेट मंत्री होने के बाद भी अपने ही क्षेत्र के किसानों को अतिवृष्टि से नस्ट हुई खरीफ की उड़द मूंग सोयाबीन की फसलों का बीमा क्लेम व सरकार की तरफ से कोई आर्थिक सहायता 6 माह गुज़र जाने के बाद भी किसानों को नहीं दिलवा पाना राज्य सरकार की किसानों के प्रति उदासीनता को दर्शाता है बैठक की अध्यक्षता कर रहे सयुक्त किसान संघर्ष समिति के संयोजक रामचन्द्र मीणा ने कहा की वादा खिलाफी करने वाले राजनीतिक दलों व उनसे जुड़े नेताओं को आगामी समय में सत्ता से उखाड़ फेंकने का काम अब क्षेत्र का किसान करेगा,, जिसको लेकर समिति के बैनर तले अपने हक एवं अधिकारों से वंचित किसानो में चेतना व जागृति का संचार करने के हेतु 10 दिवसीय किसान जन जागृति अभियान की शुरुआत की गई है जिसके तहत अभियान के प्रथम चरण में किसानों की तरफ से चेतावनी स्वरूप अपनी मांगो को लेकर प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर केंद्र व राज्य सरकार के नाम मांग पत्र सोपे जाएंगे, इस दौरान विधान सभा स्तर पर 140 गांवो में ग्राम कमेटियों के गठन के साथ ही किसान जन जागृति अभियान के अपील पत्रो का किसानों में वितरण होगा समिति के विधान सभा प्रभारी शोभाग मुंडला, अध्यक्ष विक्रम जाट मीडिया प्रभारी महावीर मुंडली रामलखन झाडवा ने कहा की अगर समय रहते किसानों की वाजिब मांगो का समाधान नहीं होता है तो क्षेत्र का किसान बड़े आंदोलन की ओर अग्रसर होगा बैठक के दौरान , जगदीश मऊ, राजेन्द्र सुमन,