स्वराज 75 के उपलक्ष्य में मातृगोष्ठी का हुआ आयोजन ।
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित आदर्श विद्या मंदिर केलखेड़ी छीपाबड़ौद में स्वराज 75 के तहत मातृगोष्ठी का हुआ आयोजन। प्रधानाचार्य हरि सिंह गोचर ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ब्लॉक शिक्षा अधिकारी छाबड़ा के दिनेश भार्गव द्वारा मां भारती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया । इसके पश्चात मुख्य अतिथि द्वारा अपने उद्बोधन में बताया कि मां बालक की प्रथम गुरु होती है तथा वह बालक को जो चाहे बना सकती है । इसी के साथ स्वराज 75 के विषय को स्पष्ट करते हुए बताया कि हमारे देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो चुके हैं जिसको अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है वर्तमान की जिस स्वतंत्रता का आनंद हम ले रहे हैं उसे प्राप्त करने में देश के अनेकों वीर वीरांगनाओं ने अपने प्राण उत्सर्ग किए हैं । भारत प्राचीन काल से ही आतताईयों से आक्रांत रहा है तथा हमारे वीर सेनानियों ने प्रारंभ से ही उनका कड़ा प्रतिरोध किया है । एक लंबे संघर्ष के बाद हम स्वतंत्रता प्राप्त कर सके हैं लेकिन कुछ वामपंथी आज भी कहते हैं कि स्वतंत्रता हमें एक ही परिवार ने दिलाई है तथा एक नारा दे दिया कि "दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल" जबकि इस आजादी को प्राप्त करने के लिए इस मातृभूमि के अनेक सपूतों एवं मातृशक्तियों ने इस स्वतंत्रता की ज्वाला में स्वयं को झोंका है हमारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम विश्व में सबसे लंबा चलने वाला स्वतंत्रता संग्राम रहा है । आज हमारा दायित्व है कि जिस स्वतंत्रता को कठोर तपस्या के बाद प्राप्त कर सके है उसकी सार संभाल हमारी जिम्मेदारी है इसलिए मातृशक्ति अपनी संतानों में वीरता के गुणों का रोपण कर राष्ट्रभक्त बालक बालिकाओं का निर्माण करें तथा प्रत्येक भारतवासी अपने संस्कृति एवं आदर्श मूल्यों को बनाए रखते हुए अपने देश को गौरवान्वित करें तथा आज हमारे समाज को ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है जो बालकों में वासुदेव कुटुंबकम की भावना उत्पन्न कर भारत को विश्व गुरु बनाएं । कार्यक्रम का संचालन सुल्तान गुर्जर ने, अतिथि परिचय विद्यालय विकास समिति के अध्यक्ष रामकिशन मानव ने, तथा आभार प्रधानाचार्य हरि सिंह गोचर ने व्यक्त किया ।