*सिंघवी ने विधानसभा में उठाया छबड़ा दंगे का मामला*
छबड़ा 14 सितंबर। विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने मंगलवार को विधानसभा में अप्रेल में छबड़ा में हुए सांप्रदायिक दंगे का मामला उठाया। स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि छबड़ा में हुए दंगे को पांच महीने से अधिक समय हो गया है, लेकिन अभी तक सभी नामजद आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। आरोपी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। इन सभी ने अलीगंज व लोटाभैंरू में भीड़ को इकट्ठा कर हथियारों और पट्रोल बम का प्रयोग किया और दुकानों में लूटपाट व आगजनी की। सिंघवी ने कहा कि इस उपद्रव का मुकदमा थानाधिकारी छबड़ा की ओर से दर्ज करवाया था। उन्होंने ही आरोपियों को नामजद किया और उनके घर पर नोटिस चस्पा किए, लेकिन कई आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने कहा कि समुदाय विशेष की ओर से व्यापारियों व आम नागरिकों की दुकानों में आगजनी, तोड़फोड़ व लूटपाट कर करोड़ो रुपये का नुकसान किया, लेकिन इन्हें रोकने की बजाय पुलिस ने राकेश नागर पर प्राणघातक हमला करने वाले असलम, फरीद कालिया, आबिद, समीर खान व सोहेल उर्फ बिट्टू की गिरफ्तारी के लिए उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देने गए गुर्जर व अन्य समाज के लोगों को प्रताड़ित किया। पुलिस ने गुर्जर समाज के गांवों में औरत, बच्चा, बूढ़ा जो भी मिला उसे बेरहमी से पीटा। विधायक ने कहा कि दंगे में आगजनी व लूटपाट से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। प्रशासन ने इसका मुआयना किया और मुआवजा देने की घोषणा की। कई लोगों को मुआवजा मिल गया है, लेकिन कई अभी भी इससे वंचित हैं। उन्होंने कहा कि बाकी बचे लोगों को शीघ्र मुआवजा मिले और सभी आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो। साथ ही विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने विधानसभा में ग्राम रक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला उठाया। प्रश्नकाल में बोलते हुए उन्होंने कहा कि छबड़ा में जो ग्राम रक्षक लगाए गए हैं, उनमें से कई के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके जवाब में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जिन ग्राम रक्षकों के खिलाफ आपाराधिक मामला दर्ज होना पाया गया तो उन्हें हटाया जाएगा।